जीईसी के बच्चों ने कबाड़ से किया जुगाड़, ब्रांडेड वॉटर प्यूरीफायर भी हुए फेल

जीईसी के बच्चों ने कबाड़ से किया जुगाड़, ब्रांडेड वॉटर प्यूरीफायर भी हुए फेल

गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा के सिविल ब्रांच के बच्चों ने कबाड़ से जुगाड़ करते हुए एक ऐसे वॉटर प्यूरीफायर का निर्माण किया है, जो कीमत में तो ब्रांडेड वॉटर प्यूरीफायर से बहुत कम है, लेकिन शुद्ध पेयजल की गुणवत्ता देने में बड़े-बड़े ब्रांडों को भी मात दे रहा है इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल ब्रांच के विभागाध्यक्ष डॉ आर पी तिवारी ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वोकल फॉर लोकल को प्रमोट करने के बाद सिविल ब्रांच के छात्रों ने वेस्टेज मटेरियल का प्रयोग करते हुए एक ऐसे वॉटर प्यूरीफायर का निर्माण किया है जो सामान्य तौर पर प्राप्त होने वाले 950 टीडीएस के जल को शुद्ध करके 100 टीडीएस से भी कम कर पीने योग्य बना देता है, 

इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने इस वाटर प्यूरीफायर में एक विशेष फिल्टर का भी उपयोग किया है, आमतौर पर जिसका प्रयोग हवा को शुद्ध करने के लिए किया जाता है, जिसके चलते इस वाटर कूलर से प्राप्त होने वाले पेयजल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है, वॉटर प्यूरीफायर को तैयार करने वाले छात्र-छात्राओं ने बताया कि इसे तैयार करने में उन्हें लगभग एक हफ्ते का समय लगा है इसमें लगाई गई सभी वेस्टेज मटेरियल की कीमत लगभग 30 से 35000 रुपए आई है,
 इस संबंध में विभागाध्यक्ष का कहना है कि वह जल्द ही इस मॉडल को पेटेंट कराने का भी प्रयास करेंगे