कृष्णा राजकूपर ऑडिटोरियम रीवा में धर्मयोद्धा की हुई जीवंत नाट्य प्रस्तुति ।

कृष्णा राजकूपर ऑडिटोरियम रीवा में धर्मयोद्धा की हुई जीवंत नाट्य प्रस्तुति ।

अमरवाणी थियेटर की शानदार प्रस्तुति से मोहित हुए दर्शक.

रीवा: राष्ट्र प्रेम के भाव जब सशक्त हों तो कोई भी बलिदान करने से पहले देशवासी हिचकिचाते नहीं। यह बताया नाटक धर्मयोद्धा ने, मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय, भोपाल की अनुदान योजना के अंतर्गत अमरवाणी नाट्य समिति द्वारा नाटक 'धर्मयोद्धा' की जीवंत प्रस्तुति स्थानीय कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में हुई। मंगलवार दिनांक 13-06-2023 की शाम 7 बजे से यह नाट्य प्रस्तुति दर्शकों के समक्ष हुई। 

नाटक की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में योगेन्द्र सिंह समाज सेवी त्योंथर क्षेत्र, अध्यक्षता में कुलपति राजकुमार आचार्य तथा अतिथि रूप में नाटककार योगेश त्रिपाठी, रंगकर्मी हरीश धवन, चंद्रिका प्रसाद चंद्र, जयराम शुक्ल मंच में उपस्थित रहे।

नाटक - धर्मयोद्धा का लेखन - सूरज नारायण पाण्डेय ने किया। सूरज नारायण पांडेय विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर गाय आधारित खेती और राजनैतिक सुधार के लिए काम करते हैं। वर्तमान में ये शासकीय सेवा में कार्यरत हैं। नाटक में परिकल्पना एवं निर्देशन - अमर द्विवेदी की रही। अमर द्विवेदी मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय भोपाल से प्रशिक्षित अभिनेता एवं निर्देशक हैं। अमर द्विवेदी द्वारा निर्देशित नाटक धर्मयोद्धा में कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय कौशल से नाट्य सन्देश प्रेषित किया। दर्शकों ने पूरी तन्मयता से नाटक का अवलोकन किया। मंच में प्रियल गुप्ता, उर्विजा पाण्डेय, राजेश सिंह, वैदेही तिवारी, यजुष नारायण पाण्डेय, आवेदन सिंह, प्रसून मिश्रा, अमर द्विवेदी, बादल सोनी, शिवमोहन सिंह लोधी, आशीष दाहिया, ऋषिका शुक्ला, अंशिका तिवारी, आरती पाण्डेय, मुस्कान कनौजिया, शिवाशीष तिवारी, श्रीओम मिश्रा, मोहित कुशवाहा और दीपक कुमार द्विवेद्वी सहित डेढ़ दर्जन से अधिक कलाकार थे।


पार्श्व संगीत संचालन लवकुश द्विवेदी और अंशू सेन ने किया। वेशभूषा परिकल्पना डॉ आस्था सिंह धवन ने किया। रूप सज्जा डॉ आस्था सिंह धवन और अंजलि राठौर ने किया। नृत्य संयोजन बादल बैरिहा और आस्था ने किया। मंच निर्माण एवं परिकल्पना राजमणि तिवारी और सुधीर सिंह ने किया। मंच सामग्री का निर्माण आशीष, बादल और शिवाशीष ने किया। प्रकाश परिकल्पना एवं संचालन शैलेन्द्र द्विवेदी ने किया। नाटक की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी भरत तिवारी ने किया। प्रस्तुति व्यवस्था दिव्या धवन व ऋचा पाण्डेय की रही। मंच प्रबंधन यजुष नारायण पाण्डेय ने किया। पोस्टर ब्रोशर निर्माण अमर द्विवेदी ने किया। मार्गदर्शन रंगकर्मी मनोज मिश्रा ने किया। नाट्य प्रस्तुति में योगेन्द्र सिंह (समाजसेवी विधानसभा क्षेत्र त्यौंथर), हरीश धवन, हनुमन्त किशोर शर्मा, मण्डप आर्ट्स, आर्ट पॉइंट, आरेन मिशन गर्ल्स स्कूल, जे सिंह कोचिंग, सी ए अरविन्द त्रिपाठी क्रेशर एसोसिएशन रीवा, होटल डंग पैलेस, डिवाइन लव मैरिज गार्डन, विभू सूरी (यूनिक एडवरटाइजिंग) और सचिन सिंह का विशेष योगदान रहा।

अथिति वक्तव्य:-

कार्यक्रम में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति राजकुमार आचार्य ने अंत्यज जाति के योद्धाओं के सफल संघर्ष पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि योगेंद्र सिंह ने इस कथानक पर फ़िल्म बनाने की सलाह दी। आरएसएस के विभाग प्रचारक सुरेंद्र जी ने रीवा के स्थानीय टीम द्वारा की गई संदेश पूर्ण प्रस्तुति की सराहना की तथा इसके अधिक अयोजन हो इसका आग्रह किया। रंगकर्मी हरीश धवन ने इस नाटक की कम से कम 100 प्रस्तुति हो, यह सुझाव दिया। पत्रकार जयराम शुक्ला ने लेखक द्वारा उठाए गए विषय को साहसी बताया और ये भी कहा कि रीवा में रंगमंचीय गतिविधियों की एक श्रृंखला शुरू हो चुकी है। यहाँ समय-समय में बेहतरीन नाट्य प्रस्तुतियाँ देखने को मिलती हैं। नाटककार लेखक योगेश त्रिपाठी ने इतिहास विषय वस्तु के नाटक की प्रस्तुति में रोमांच बनाए रखने के लिए टीम की सराहना की। साहित्यकार चंद्रिका प्रसाद चंद्र ने शोधपरक बताया। टी आई विद्या वारिधि तिवारी ने इस नाटक को सफ़ाई में लगे लोगों के प्रति संवेदना जगाने वाला बताया, अमरवाणी नाट्य समिति एवं अमर द्विवेदी का प्रयास सराहनीय है। ज़िले में युवाओं की सक्रियता देख बहुत प्रसन्नता होती है। रीवा के युवा अपनी सांस्कृतिक साहित्यिक धरोहरों को सहेजने के साथ समाज को बेहतर मनोरंजन भी प्रदान कर रहे हैं। इस ऑडिटोरियम की परिकल्पना भी साकार हो रही है। रीवा विकास के नए सोपान तथा प्रतिमान स्थापित कर रहा है।


नाटक धर्मयोद्धा अपने निर्धारित समय से प्रारम्भ हुआ, कलाकरों का विशाल समूह इस प्रस्तुति में शामिल रहा। लेखक सूरज नारायण पाण्डेय ने उम्दा लेखन कर नाटक तैयार किया था, जिसमे अमर द्विवेदी के निर्देशन ने चार चाँद लगा दिया। मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय की अनुदान योजना इन्हीं उद्देश्यों से संचालित है कि युवा अपने क्षेत्र में रंगमंचीय गतिविधियों को बेहतर करें।