SPORT: मार्शल आर्ट जूडो कराटे  प्रशिक्षण से आत्मरक्षा के प्रति सजग हुईं छात्राएं

SPORT: मार्शल आर्ट जूडो कराटे  प्रशिक्षण से आत्मरक्षा के प्रति सजग हुईं छात्राएं

REWA: छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने एवं सशक्त बनाने हेतु शासकीय कन्या महाविद्यालय में मार्शल आर्ट, जूडो कराटे का पंद्रह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुआ । इस प्रशिक्षण शिविर में महाविद्यालय की 60 छात्राओं ने आत्मरक्षा के गुर सीखे । 

आजादी का अमृत महोत्सव-:
आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत शासकीय कन्या महाविद्यालय रीवा में  मार्शल आर्ट करटे शिविर, महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ.नीता सिंह की देख-रेख तथा मार्गदर्शन में आयोजित हुआ । शिविर के दौरान उन्होंने अपने सन्देश में  कहा कि आज की लड़कियां बहुत ही सक्षम एवं सबल हैं. लगभग सभी  कार्यक्षेत्र में लगातार पुरुषों के साथ बराबरी से कार्य भी कर रही हैं। इसके बाद भी हमारे समाज में कुछ दूषित मानसकिता के लोगों का भी अस्तित्व है। जो महिलाओं को कमतर आंक कर उनका उत्पीड़न और शोषण करने की ताक में रहते हैं। ऐसे व्यक्तियों से बचाव एवं स्वयं की रक्षा हेतु लड़कियों और महिलाओं को आत्मरक्षा में निपुण होना आवश्यक है ।  शासन की भी यही मंशा है, की छात्राओ तथा महिलाओं को आत्मरक्षा में सबल बनाया जाए ।  जिसके परिपालन में यह प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ है । महाविद्यालय में आयोजित मार्शल आर्ट प्रशिक्षण शिविर में  प्रशिक्षक के रूप में दीक्षा गोस्वामी (ब्लैक बेल्ट) को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिन्होंने अपने कुशल अनुभव से छात्राओं को सहजता से प्रशिक्षित किया, जो कि काबिले तारीफ़ है ।

निःशुल्क प्रशिक्षण-:
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कन्या महाविद्यालय के खेल विभाग द्वारा छात्राओं हेतु पूर्णतः निशुल्क आयोजित कराया गया था ।  आयोजन में अपनी बात रखते हुए क्रीड़ा अधिकारी डॉ शिल्पा शर्मा ने कहा कि खेल से शरीर मे स्फूर्ति बनी रहती है खास कर  मार्शल आर्ट,जूडो कराटे ऐसे खेल हैं जो ऊर्जा के साथ आत्मरक्षा भी प्रदान करते हैं । 


नोडल अधिकारी सरोज गोस्वामी ने बताया कि शासन की मन्सा अनुसार महाविद्यालय में अध्ययन अध्यापन के साथ विद्यर्थियों की बहुमुखी प्रतिभा के उन्नयन हेतु अनेक कार्यक्रम तथा प्रशिक्षण आयोजित किये जाते हैं यह प्रशिक्षण भी उसी अनुक्रम में शामिल है । मैं समापन अवसर में प्रशिक्षक दीक्षा गोस्वामी तथा उनके प्रशिक्षण संस्थान के प्रति आभार व्यक्त करती हूं । जिन्होंने 15 दिनों तक महाविद्यालय की छात्राओं को बेहतर प्रशिक्षण दिया है ।