मीडिया क्षेत्र में युवा भविष्य ।

मीडिया प्रत्येक व्यक्ति की दिनचर्या  का एक अंग बन गया है। यहाँ अभिभावकों को अपनी भूमिका को सार्थकता देने की जरूरत है । जिससे युवा अपनी प्रतिक्रिया, भाव व विचार सही रूप में व्यक्त करें । अंत मे यह कहा जा सकता है कि मीडिया के द्वारा विकास से जुड़ी सूचनाओं और कार्यक्रमों की जानकारियों से युवा सजग हो रहे हैं, युवा अपने विकास के बेहतर तरीके मीडिया माध्यम से उत्पन्न कर रहे हैं

मीडिया क्षेत्र में युवा भविष्य ।

मीडिया और युवा, भारत के संदर्भ में । 


मीडिया और युवा दो ऐसे शब्द हैं जिनसे सभी परिचित हैं । यह एक दूसरे के विकास में सहगामी बन के उभरे  हैं । मीडिया के बढ़ते आयाम के इस दौर में जब पूरे विश्व की सूचना एक छोर से दूसरे छोर तक त्वरित गति से पहुंचती हो, ऐसे में युवाओं के विकास में मीडिया के योगदान और भूमिका को भुलाया नही जा सकता । मीडया संचार माध्यमों के नित होते विकास और इनके बढ़ते महत्व को आज देखकर आश्चर्य भी होता है क्योंकि अबसे कुछ वर्ष पहले तक किसी ने शायद यह सोच  भी नहीं होगा कि  मीडिया और इसके विभिन्न उपभाग युवाओं की सोच, उनके विचार, उनकी समझ एवं दृष्टिकोण को इस तरह प्रभावित करने वाले हैं । भारत देश मे मीडिया की स्वतंत्रता एवं लोकप्रियता ने युवाओं को इस ओर बेहतर ढंग से आकर्षित किया है । 

मीडिया के विभिन्न माध्यमों ने अपने सभी यूजर्स, विशेषकर  युवाओं को अभिव्यक्ति एवं अध्ययन का सशक्त मंच दिया है। युवाओं ने इसे संवाद के साथ ही सृजन का भी माध्यम बनाया है । जब संपूर्ण विश्व में युवाओं और  मीडिया के विभिन्न माध्यमों की बात की जाती है  तो भारत देश पहले पायदान पर ही दिखाई देता है। कारण साफ है कि भारत युवाओं देश है। देश की कुल आबादी का लगभग 70 प्रतिशत भाग 35 वर्ष से कम आयु का है। यह युवा अपने आबादी के साथ अनूठे जनसांख्यिकी लाभ के द्वार पर खड़ा है। देश का सरकारी तंत्र युवाओं के इस रुचि को देखते हुए सरकारी योजनाओं को विभिन्न संचार माध्यम से युवाओं तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।


मीडिया की ओर देखता युवा-: 
यह सर्व ज्ञात तथ्य है कि मीडिया के कई प्रकार हैं, प्रिंट मीडिया (समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पैम्फलेट, कॉमिक्स, किताबें), इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और डिजिटल मीडिया शामिल हैं। ये मनुष्य के जीवन में व्यापक रूप से व्याप्त हैं, विशेष रूप से युवाओं को उनकी दैनिक गतिविधियों, अध्ययन, कार्य, सामाजिक संबंधों और उनके विश्वदृ्टि में महत्वपूर्ण तरीके से प्रभावित करते हैं। वर्तमान पीढ़ी को अक्सर "शुद्ध पीढ़ी", "सहसाब्दी पीढ़ी" और "डिजिटल मूल निवासी" के रूप में जाना जाता है। ये बच्चे बचपन से ही कंप्यूटर का उपयोग करते हुए, ऑनलाइन गेम खेलते हुए, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों द्वारा अपने दोस्तों के साथ लगातार संवाद और जुड़ते हुए मीडिया से समृद्ध वातावरण में काफी हद तक खुद को शामिल करते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, वे अपने सीखने के साथ-साथ अवकाश और मनोर॑जन के हिस्से के रूप में अधिक से अधिक मीडिया उपकरणों का उपयोग करते हैं। 


इंटरनेट की मौजूदगी में युवा-:
वर्तमान का समय इन्टरनेट की मौजूदगी का है । लोग सूचना को लेकर विभिन्न  साइट्स के द्वारा  अपनी किसी भी त्वरित टिप्पणी को मूर्त रूप देते हैं अपने विचार व्यक्त करते हैं । अपनी किसी भी जानकारी या सूचना को आज का युवा तुरंत सोशल नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से साझा करते नजर आ रहे हैं । ऐसे में मीडिया और इसके भाग सोशल नेटवर्किंग साइट्स का भी दायरा बढ़ता जा रहा है। मीडिया खासकर सोशल नेटवर्किंग साइट युवाओं के विकास से संबंधित ( स्वास्थ्य, शिक्षा, कैरियर, योजना) जानकारी के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करते हैं,इसी कारण युवाओं की पहली पसंद भी यही है । युवा यहाँ अपने करियर को बनाने के लिए अनेक तरीके भी खोजने में लगा है।  


युवाओँ के बीच सोशल मीडिया की जगह-:
मीडिया का भाग, सोशल मीडिया,  सूचनाओं का सागर बन के उभरा है । यहाँ केवल युवाओं के विकास की सकारात्मक जानकारियां ही नहीं होती हैं, बल्कि इसके अतिरिक्त अन्य कई प्रकार की सूचना भी यहाँ होती हैं । इसमें चार चांद लगता है इंटरनेट क्योंकि इस पर कई ऐसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स हैं, जो युवाओं के विकास से जुड़ी जानकारियों व प्रतिक्रियाओं से युक्त हैं । यही कारण है कि यहां युवा और मीडिया एक दूसरे के पूरक बनके प्रकट होते  है। कुछ जानकार मीडिया को युवाओ के बहकने का कारण कहते हैं, लेकिन मीडिया की सक्रियता और वर्तमान माहौल में युवा को बहकाया नहीं जा सकता। इसका कारण यह भी है कि मीडिया के द्वारा युवा ज्यादा जागरूक हो रहे हैं । इस प्रकार लेख के आधार पर हम कह सकते हैं कि  मीडिया ने युवाओं के विकास हेतु एक नया और बेहतर मंच प्रदान किया है।


अपनी बात अभिभावकों का साथ-:
मीडिया के विभिन्न माध्यमों की सक्रियता ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का स्वरूप बदला है। पहले की तरह अंकुश, नियन्त्रण और शर्तें अब नहीं रह गई हैं। आज मीडिया प्रत्येक व्यक्ति की दिनचर्या  का एक अंग बन गया है। यहाँ अभिभावकों को अपनी भूमिका को सार्थकता देने की जरूरत है । जिससे युवा अपनी प्रतिक्रिया, भाव व विचार सही रूप में व्यक्त करें । अंत मे यह कहा जा सकता है कि मीडिया के द्वारा विकास से जुड़ी सूचनाओं और कार्यक्रमों की जानकारियों से युवा सजग हो रहे हैं, युवा अपने विकास के बेहतर तरीके मीडिया माध्यम से उत्पन्न कर रहे हैं ।