बिना ब्लड लिए शुगर लेवल बताने के लिए देखें,  काफी मशक्कत के बाद अब Apple को मिली है कामयाबी!

बिना ब्लड लिए शुगर लेवल बताने के लिए देखें,  काफी मशक्कत के बाद अब Apple को मिली है कामयाबी!
blood sugar level

नई दिल्ली: एपल (Apple) मूनशॉट स्टाइल प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।  यह प्रोजेक्ट स्टीव जॉब्स के समय का है।  इसके तहत कंपनी नॉन-इनवेसिव और लगातार ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग पर काम कर रही है।  इस प्रयास का उद्देश्य E5 करार दिया जाना है।  इसकी सहायता से बिना रक्त खींचे व्यक्ति के शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कितनी होती है?  यह जाना जा सकता है।  बताया जा रहा है कि कंपनी जल्द ही बाजार में ग्लूकोज मॉनिटर पेश कर सकती है।

अगर ऐपल अपना प्रोजेक्ट पूरा करने में कामयाब हो जाता है तो ग्लूकोज मॉनिटर डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान साबित होगा।  कंपनी का लक्ष्य Apple वॉच के मॉनिटरिंग सिस्टम में ग्लूकोज मॉनिटर जोड़ना है।  यह ऐप्पल वॉच को दुनिया भर के लाखों मधुमेह रोगियों के लिए एक आवश्यक उपकरण बना देगा।  फिलहाल कंपनी इस फीचर पर काम कर रही है।  इस कदम से कंपनी के लिए बाजार के नए रास्ते खुल सकते हैं।

इस बीच, 10 अमेरिकियों में से 1 को मधुमेह है, और वे आमतौर पर रक्त के नमूने के लिए त्वचा-चुभन उपकरण पर भरोसा करते हैं।  एक रिपोर्ट के अनुसार, Apple सिलिकॉन फोटोनिक्स चिप तकनीक और ऑप्टिकल अवशोषण स्पेक्ट्रोस्कोपी नामक माप प्रक्रिया का उपयोग करके एक अलग दृष्टिकोण अपना रहा है।  यह प्रणाली उपचर्म क्षेत्र में प्रकाश की विशिष्ट तरंग दैर्ध्य का उत्सर्जन करने के लिए एक लेजर का उपयोग करती है।  यह अंतरालीय द्रव को कोशिकाओं से बाहर जाने की अनुमति देता है।  इन्हें ग्लूकोज द्वारा अवशोषित किया जा सकता है।


कंपनी के सबसे गोपनीय प्रोजेक्ट

Apple के एक्सप्लोरेटरी डिजाइन ग्रुप में सैकड़ों इंजीनियर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।  यह Apple के सीक्रेट प्रोजेक्ट्स में से एक है।  इसमें कंपनी के सेल्फ ड्राइविंग कार प्रोजेक्ट से भी कम लोग शामिल हैं।  क्यूपर्टिनो स्थित Apple के एक प्रवक्ता ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

 सैकड़ों लोगों पर किया गया परीक्षण गौरतलब है

 Apple ने पिछले एक दशक में सैकड़ों लोगों पर अपनी ग्लूकोज तकनीक का परीक्षण किया है।  इनमें ज्यादातर ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें पता ही नहीं है कि उन्हें डायबिटीज है या नहीं।  इसके अलावा कंपनी ने प्री-डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों पर कुछ टेस्टिंग भी की है।

12 साल से काम कर रहा है Apple

 पिछले 12 सालों से ग्लूकोज मॉनिटर बनाने पर काम कर रहा है।  इस तकनीक का एक उद्देश्य प्री-डायबिटीज वाले लोगों को सचेत करना भी है।  इससे लोग टाइप 2 मधुमेह की प्रगति को रोक सकते हैं और जीवनशैली में बदलाव ला सकते हैं।