रीवा: नशीली कफ सिरफ के तस्करों को 10 -10 साल की सजा के साथ एक लाख का जुर्माना
रीवा शहर में नशीली सिरप की तस्करी करने वाले मुख्य आरोपियों, इरशाद खान और अनुराग त्रिपाठी, को कठोर सजा मिली है। विशेष सत्र न्यायाधीश केशव सिंह की अदालत ने उन्हें 10-10 साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना सुनाया। ये दोनों लंबे समय से प्रतिबंधित सिरप की तस्करी कर रहे थे, जिसे वे कार के माध्यम से लाकर शहर के कबाड़ी मोहल्ले में स्थित गोदाम से फैलाते थे।
पुलिस ने 25 मई 2023 को मिली सूचना के आधार पर इरशाद के घर पर छापा मारा था, जहां तहखाने में भारी मात्रा में नशीली कफ सिरप पाई गई। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपियों का नेटवर्क शहर में नशीले पदार्थों को फैलाने में सक्रिय था, जिससे कई लोग प्रभावित हो रहे थे।
रीवा जिले में इन नशे के तस्करों को आईजी रीवा जोन महेंद्र सिंह सिकरवार ने तगड़ा झटका दिया है। आईजी रीवा का कहना है कि हमने नशे के खिलाफ तस्करों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बना रखी है जिसकी मॉनिटरिंग वो स्वयं करते हैं।
नशे के बड़े कारोबारी रहते हैं टारगेट में
आप को बता दें रीवा आईजी ने बताया हमे नशे के कारोबार में लिप्त छोटे व्यापारियों को तो पकड़ना ही है लेकिन यह कारोबार समाप्त करने के लिए हमारे पास कई चुनौतियां भी हैं। इसी लिए हमने टीम का गठन किया है जो आधुनिक तकनीकों का स्तेमाल करके इन बड़े नशे के कारोबारियों तक पहुंच सकें। जब तक इन बड़े कारोबारी को नहीं पकड़ेंगे तब तक इस अवैध नशे के तस्करों पर लगाम नहीं लग पाएगी।
इस नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करने में उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला का हमें पूरा सहयोग मिल रहा हैं। उन्होंने तो जहां यह कफ सिर्फ बनती है वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की है और उन्हों से उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को आश्वस्त किया है कि हम इसमें आप का सहयोग करेंगे।
क्योंकि जब तक इन नशीली कफ सिरफ के निर्माताओं पर शिकंजा नहीं कसा जाएगा तब तक यह कारोबार रोक पाना मुश्किल है।
उत्तर प्रदेश में भी एनडीपीएस एक्ट लागू करने की भी शिफारिश उपमुख्यमंत्री ने किया है। साथ ही हमे पूरा विश्वास है इस मुहिम में पूरा सहयोग मिलेगा।