"आदिशंकराचार्य" के उपदेशों के साथ पांच दिवसीय राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव का शुभारंभ

राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव 2023 भव्य शुभारंभवअवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के विधि सभागार में हुआ । आज़ादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत दिनांक 14 से 18 मार्च 2023 तक आयोजित होने की रूपरेखा अनुरूप  यह नाट्योत्सव निर्धारित समय दोपहर 2 बजे से प्रारम्भ हुआ ।

"आदिशंकराचार्य" के उपदेशों के साथ पांच दिवसीय राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव का शुभारंभ

पांच दिवसीय राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव


राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव 2023 भव्य शुभारंभवअवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के विधि सभागार में हुआ । आज़ादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत दिनांक 14 से 18 मार्च 2023 तक आयोजित होने की रूपरेखा अनुरूप  यह नाट्योत्सव निर्धारित समय दोपहर 2 बजे से प्रारम्भ हुआ । उद्घाटन सत्र में दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई,इस दौरान अतिथि के रूप में उपस्थित रहे डॉ.महेशचन्द्र श्रीवास्तव, प्रोफेसर श्रीकांत मिश्रा,श्रीमती चंद्रकांता मिश्रा ।


संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केंद्र रीवा द्वारा आयोजित यह नाट्योत्सव अपने नौवें वर्ष में प्रवेश कर चुका है । युवा भारतवर्ष के भविष्य है इसी मूल उद्देश्य के साथ नवाचार करते हुए मण्डप आर्ट रीवा द्वारा अभिनव प्रयास किया जा रहा है । इस वर्ष अवधेश प्रताप सिंह विश्विद्यालय के सहयोग से विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को स्वस्थ मनोरंजन उपलब्ध करवाने तथा अपनी कला संस्कृति से जोड़ने का भागीरथी प्रयत्न मण्डप आर्ट द्वारा किया जा रहा है ।


राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव में प्रथम दिवस नाटक'आदि शंकराचार्य' का मंचन हुआ । सतीश दवे, संजय मेहता के संयुक्त लेखन में तैयार नाटक  के  निर्देशक संजय मेहता रहे ।  रंगशीर्ष भोपाल द्वारा तैयार नाटक आदिशंकराचार्य की प्रस्तुति प्रभावी रही । आमोद कृष्ण भट्ट का संगीत दर्शकों को जोड़कर रखने में सहायक रहा । सनातन संस्कृति एवं धर्म स्थापना के द्वारा सम्पूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने वाले आदि शंकराचार्य के जीवनोपयोगी सन्देश के साथ नाटक अनेक सन्देश देने वाला रहा ।

 

 मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केंद्र के सचिव विनोद मिश्रा ने बताया कि कल दिनांक 15 मार्च को नाटक 'परसाई उवाच' का मंचन होगा जिसके लेखक हरिशंकर परसाई और निर्देशन तरुणदत्त पाण्डेय हैं । यह प्रस्तुति नव नृत्य नाट्य संस्था भोपाल की होगी । उसके बाद 16 मार्च को नाट्य प्रस्तुति 'मुकदमा जारी है' का मंचन होगा। लेखन सुश्रुत गुप्ता एवं निर्देशन प्रेम गुप्ता ने किया है । उक्त  प्रस्तुति एसोशिएशन ऑफ थियेटर आर्टिस्ट की होगी । 17 मार्च चतुर्थ दिवस नाटक 'डाकघर' नाटक का मंचन होगा जिसके निर्देशक मनोज कुमार मिश्रा हैं । डाकघर की रचना गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने की है । यह प्रस्तुति मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केन्द्र की होगी। राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव का विधिवत समापन दिनांक 18 मार्च को  'नकबेसर' नाटक के मंचन से होगा जिसकी रचना फणीश्वरनाथ रेणु की एवं निर्देशन आनन्द मिश्रा ने किया है । यह अंतिम प्रस्तुति सघन सोसाइटी फॉर कल्चर एवं वेलफेयर भोपाल की होगी।  दर्शकों अधिक से अधिक संख्या में पहुंचे । दर्शकों हेतु यह नाट्योत्सव पूर्णतया निःशुल्क है।


कला साधक सम्मान-:


राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव में कला साधक सम्मान की शुरुआत भी हुई ।  स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के पावन अवसर पर आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गतनाटक, नृत्य, संगीत, चित्रकार, शिल्पकार, लोककला, साहित्यकार, पत्रकार आदि 75 कला साधकों को सम्मानित किया जाना सुनिश्चित हुआ है । जिस क्रम में प्रथम दिवस सम्मानित होने वाले नाम इस प्रकार रहे । 


रवि मिश्रा- तबला वादन एवं लोकगीत हेतु ।
विनोद भट्ट- समाज सेवा एवं लोक विचार संग्रह हेतु । 
राजमणि तिवारी भोला- लोक नृत्य (दुल दुल घोड़ी)संरक्षण एवं समवर्धन । 
ममता शर्मा शंकरदयाल - रंग कर्मी स्व.शंकर दयाल शर्मा के अतुलनीय योगदान हेतु । 
प्रज्ञा पांडेय- शिल्पकला हेतु ।
सुधीर सिंह - ललित कला में अद्वितीय योगदान । 
अफजल आफ़ताब - पत्रकारिता के क्षेत्र में ।
दिव्यांशु गौतम - समाज सेवा ।
राकेश येंगल - समाज सेवा एवं पत्रकारिता । 
सोनाली श्रीवास्तव - समाज सेवा (मूक बधिर शिक्षण,  प्रोत्साहन)
उपरोक्त सभी को उनके अद्वितीय योगदान हेतु कला साधक सम्मान प्रदान किया गया । 
राष्ट्रीय रंग अलख नाट्य महोत्सव में सतत सहयोग कर रहे कार्यकर्ता इस प्रकार हैं - अशोक सिंह,सुधीर सिंह,राजमणि तिवारी,विपुल सिंह गहरवार, सत्यम क्षेत्री, वैष्णवी, अमर मिश्रा,  यसो शात्री, आनन्द सोधिया एवं मण्डप टीम ।