हिन्दी दिवस- माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में हर्सोल्लास से मनाया गया ।
अभिनय कौशल एवं भावाभिव्यक्ति से विद्यार्थियों ने यादगार बनाया हिन्दी दिवस- सूर्य प्रकाश ।
रीवा- पत्रकारिता एवं जनसंचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षण हेतु विख्यात माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का रीवा परिसर नित नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है । अपने नवाचार से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु सार्थक प्रयास यहाँ होते रहते हैं । बीते दिन "हिन्दी दिवस" के अवसर पर विश्विद्यालय के रीवा परिसर में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित हुए ।
हिन्दी दिवस कार्यक्रम की शुरूआत दीपप्रज्वलन के साथ हुई इस अवसर पर परिसर के अकादमिक प्रभारी सूर्य प्रकाश, प्रशासनिक प्रभारी डॉ.बृजेन्द्र शुक्ला, वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक संदीप भट्ट, रवि साहू, मंच में उपस्थित रहे साथ ही प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका अदा कर रहे राजेन्द्र प्रसाद सक्सेना एवं राजेन्द्र सोनी भी मंच में मौजूद थे ।
हिन्दी दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के रीवा परिसर में सर्व प्रथम नाट्य प्रस्तुतियां हुईं जिसमें विभिन्न कक्षाओं के प्रतिभागियों को प्रसिद्ध साहित्यकारों के नाम से उप नाम प्रदान किये गए । नाट्य प्रस्तुतियों में कुल नौ प्रस्तुतियां हुईं जिनमे बीए एमसी, एम.एमसी, एम.एजे,बीसीए, पीजीडीसीए, डीसीए, आदि संकाय के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया ।
इस अवसर पर एमसीयू रीवा परिसर के अकादमिक प्रभारी डॉ. सूर्यप्रकाश ने कहा कि यह अवसर विशेष है । हिन्दी दिवस की सभी को बहुत-बहुत बधाई , आगे उन्होंने कहा कि हमें हिन्दी भाषा के इस्तेमाल से परहेज नहीं करना चाहिए। आज अभिनय कौशल एवं भावाभिव्यक्ति से विद्यार्थियों ने इस अवसर को यादगार बनाया इनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है । हम प्रयास करेंगे कि आगे भी हमारे परिसर में प्रतिभा तरासने का कार्य और बेहतर ढंग से चलता रहे ।
वहीं प्रशासनिक प्रभारी डॉ. ब्रजेन्द्र शुक्ला ने कहा कि हिन्दी को अक्सर लोग बीमार भाषा कहते यथार्थ में ऐसा नहीं है। हमें जितना समृद्ध साहित्य हिन्दी भाषा में मिलता हैं वह दुनिया की किसी अन्य भाषा मे नहीं मिलता न ही किसी अन्य भाषा में सृजित करा जा सकता है। हमें हिन्दी को पूर्ण मनोभाव से अपनाने की आवश्यकता है। हम हिन्दी मे हस्ताक्षर तथा उसके नीचे दिनांक को हिन्दी मे लिखकर भी एक मजबूत पहल कर सकते हैं ।
इस कार्यक्रम में अंत में निर्णायक के बतौर उपस्थित वरिष्ठ रंगकर्मी श्री राजेन्द्र सक्सेना और फ़िल्म और टेलीविज़न से जुडे वरिष्ठ रंगकर्मी राजेन्द्र सोनी प्रतियोगिता के श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के आधार पर ‘देवदास’ नाटक को प्रथम, ‘भरत चरित्र’ नाटक को द्वितीय और ‘राम की शक्ति पूजा’ को तृतीय स्थान पर विजेता घोषित किया और विजेता दल को ट्रॉफी से भी पुरस्कृत किया गया । यदि कक्षा आधारित परिणाम की बात करें तो बीए.एमसी तृतीय वर्ष को प्रथम स्थान, बीए.एमसी प्रथम वर्ष की टीम द्वितीय, तथा एम.ए एमसी द्वितीय वर्ष को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ । इसी बीच एम.ए एमसी के विद्यार्थी उत्कर्ष राय ने अपनी कविता भी प्रस्तुत की जिसे खूब सराहना मिली ।
हिन्दी दिवस के इस कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक हर्ष तोमर, कपिलदेव प्रजापति, विनोद दुबे, कुष्णकुमार सक्सेना, जयप्रकाश पटेल, तरूण त्रिपाठी, राकेश यंगल, प्रदीप शुक्ला, डॉ. आलोक पाण्डेय, सुश्री तान्या गुप्ता, सुमन मिश्रा, सहित सभी संकाय के विद्यार्थी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन नेहा विश्वकर्मा ने किया तथा आभार प्रदर्शन डॉ.सुनीत कुमार तिवारी ने किया ।