MP NEWS: संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार से उस्ताद विस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार मिलने पर मनोज मिश्रा हुए सम्मानित.

भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में रीवा के मनोज कुमार मिश्रा को कला के क्षेत्र में उनके योगदान हेतु उस्ताद विस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से सम्मानित किया.

MP NEWS: संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार से उस्ताद विस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार मिलने पर मनोज मिश्रा हुए सम्मानित.
manoj mishra

मंडप सांस्कृतिक शिक्षा कला केंद्र रीवा ने मनोज कुमार मिश्रा की राष्ट्रीय उपलब्धि के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया


MP NEWS: भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में रीवा के मनोज कुमार मिश्रा को कला के क्षेत्र में उनके योगदान हेतु उस्ताद विस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार से सम्मानित किया. उनकी इस उपलब्धि के लिए मण्डप संस्कृतिक शिक्षा कला केंद्र रीवा द्वारा शहर में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया.जिसमें मनोज मिश्रा को शाल श्रीफल तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया.

माता पिता गुरुजन को दिया श्रेय

मनोज कुमार मिश्रा ने इस दौरान अपने सन्देश में कहा कि अपने शहर से इस रंगयात्रा की शुरुआत हुई. भोपाल में अलखननन्द जी के सानिध्य में रंग मंच की अन्य बारीकियों को सीखने का अवसर मिला.शुरुआत से ही परिवार का बेहतर समर्थन मिला,मेरी माता श्रीमती चंद्रकांता मिश्रा एवं पिता स्व. चंद्रिका मिश्रा जी का आशीर्वाद और गुरुजनों की सीख ने यह उपलब्धि पाने में सहायता प्रदान की है. प्रकाश अभिकल्पना के साथ वेशभूषा अभिकल्पना, मुखौटा निर्माण, आदि में  रुचि ने इस ओर आकर्षित किया.मेरे शुरुआती मार्गदर्शक चन्द्र शेखर पांडेय एवं हनुमंत किशोर जी ने जो राह दिखाई उसमें चलते हुए अनेक साथी भी मिले जिनसे सीखने को मिला । पहली बार मुझे जब राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की कार्यशाला में शामिल होने का अवसर मिला उस दौरान कुमुद मिश्रा जी का सहयोग भी अविस्मरणीय रहा. भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ में चयनित होना और वहाँ की इंटर्नशिप पाना किसी सपने के सच होने के समान था । आप जिस संस्थान (भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ) में पढ़े वहाँ पढ़ाने का अवसर मिलना मुश्किल होता है लेकिन माता पिता और गुरुजन का आशीर्वाद मेरे साथ रहा मुझे यह अवसर भी मिला. मण्डप संस्कृतिक शिक्षा कलाकेंद्र के साथ काम करना मेरे जीवन के यादगार अनुभवों में शामिल है. मण्डप आर्ट रीवा के साथ मिलकर नए युवा कलाकरों की जो पौध मैन तैयार की थी अब वह फलने फूलने लगी है. मण्डप के कलाकारों ने अपने अभिनय कौशल से राष्ट्रीय परिदृश्य में अपनी पहचान बनाई है. जब हमारे युवा कलाकार चित्रांगन फ़िल्म एवं थियेटर फेस्टिवल जैसे आयोजन करते हैं तो देखकर बहुत खुशी होती है, वहीं देहात लोकरंग पर्व, राष्ट्रीय रंग अलख महोत्सव की पहुंच नए दर्शक बनाते हुए कलाकरों को मंच प्रदान कर रही है । जब अपने शहर की रंगमंचीय गतिविधियों को देखता हूँ उनकी सफलता की बातें समाचार पत्रों टीवी चैनलों में देखता हूँ तो रीवा से दूर होने की टीस कम हो जाती है, तब लगता है कि मैंने अपने शहर को अपना शुरुआती वक्त दिया जो आज सार्थक सिद्ध हो रहा है । मैं जब देश के बड़े नाट्य संस्थान में कार्य करने के बाद वापस रीवा आया और यहाँ मण्डप के साथ काम शुरू किया था तो कई शुभचिंतक बोले कि अपना समय रीवा में क्यों नष्ट कर रहे हो । तब भी मेरे मन मे यही था कि मेरा समय नष्ट नही हो रहा है । मैं अपने शहर की सांस्कृतिक सुचिता के लिए एक पहल करना चाहता हूं । आज वही साथी बोलते हैं कि मनोज तुम्हारे सिखाए कलाकर नए प्रतिमान गढ़ रहे हैं । कहने को बहुत बातें है जो अपनी कार्यशाला में मैं कलाकार साथियों से करता रहता हूँ । आज मीडिया के माध्यम से मैं इस उपलब्धि को अपने पिता को समर्पित करते हुए नए कलाकारों से कहना चाहता हूँ कि आप अपने सपनो को सच करने के लिए सतत मेहनत कीजिए । अपने परिवार को विस्वास में लेकर आगे बढ़िए । रंगमंच में बहुत संभावना है बेहतर भविष्य आपका इंतज़ार कर रहा है । 

दिल्ली भोपाल जैसा माहौल रीवा में भी के.सुधीर


इस अवसर पर सुधीर सिंह ने कहा कि मनोज कुमार मिश्रा मंडप सांस्कृतिक शिक्षा कला केंद्र रीवा में निदेशक रहे इसके साथ ही रेनेसांस थिएटर गया, बिहार में तकनीकी निदेशक रहे हैं। इनको संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा रंगमंच विषय पर जूनियर फैलोशिप सम्मान प्राप्त है वर्तमान में मनोज भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ में  मंच शिल्प विषय मे प्रवक्ता के रूप में पदस्थ है। यह सभी उपलब्धि हमे बताती हैं कि आपके सपने बड़े होने चाहिए आप किसी भी शहर से हों । कभी एक सोच हुआ करती थी कि दिल्ली भोपाल जैसे शहर से ही  अच्छे कलाकार निकलेंगे लेकिन मनोज मिश्रा जैसे जीवट व्यक्ति इस सोच को बदलकर रीवा शहर को उन शहरों के साथ तुलना के लिए तैयार करते हैं । 

उपलब्धियों का दौर-: मण्डप के सचिव विनोद मिश्रा ने कहा कि मनोज भैया ने अब तक 80 नाट्य प्रस्तुतियों में अभिनय किया, 50 नाटकों की मंच अभिकल्पना आपके द्वारा की गई, 150 से अधिक नाट्य प्रस्तुतियों की प्रकाश अभिकल्पना को मनोज भैया ने तैयार किया, रीवा में गैरेज थिएटर की शुरुआत भी आपकी सोच का परिणाम थी । गैरेज थियेटर पूरे देश मे चर्चा का विषय रहा है । मध्य प्रदेश नाट्य समारोह, भारत रंग महोत्सव, भारत पर्व, मंडप महोत्सव, संस्कृति महोत्सव, देहात लोकरंग पर्व, लोकोत्सव आदि में आपकी सार्थक उपस्थित रही है । अब भारत सरकार की ललित कला अकादमियों की संरक्षक संगीत नाटक अकादमी द्वारा रंगमंच में प्रकाश परिकल्पना के हेतु राष्ट्रीय उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा सम्मान वर्ष 2020 में सम्मानित होना आपकी मेहनत का ही परिणाम है । मनोज भैया को सम्मानित करते हुए हम सभी स्वयं को भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं । मण्डप आर्ट सहित रीवा के सभी कलाकारों की ओर से हम यही कामना करते हैं कि आप नई उचाईयों को पाएं । हम सभी को अपना मार्गदर्शन देते रहे । आज यहाँ उपस्थिति सभी कलाप्रेमियों तथा मीडिया कर्मियों के हम आभारी हैं । 


इन्होंने भेजी बधाई-: मनोज की नाट्य कला में विशिष्ट उपलब्धि के लिए रीवा शहर के सभी रंगकर्मी, वरिष्ठ साथी और सहयोगियों ने सभी साहित्यकारों ने भी हर्ष व्यक्त किया है। देवेन्द्र सिंह, अशोक सिंह, राजमणि तिवारी, अमित गौतम,अभिषेक त्रिपाठी, शैलेंद्र द्विवेदी, चंद्रशेखर पांडे, डॉ.विद्या प्रकाश तिवारी, सुमन सिंह, हरीश धवन, प्रदीप त्रिपाठी, वीरेंद्र शर्मा, विपुल सिंह, सुरेश द्विवेदी  एवं मण्डप के कलाकार सत्यम, श्रुति, अजय, वैष्णावी, दिया, मोहित, आदर्श, राजवीर, रत्नेश, अंशिका, मुकुल, प्रफुल्ल, अरुणोदय ने  हर्ष व्यक्त किया है।