रीवा रंग महोत्सव 2023: रीवा रंगमंच देश मे ध्रुव तारे की तरह चमकेगा

यह नाट्य कृति अपनी सहज विषय-सम्प्रेषणीयता, सरल रंग-विधान एवं आधुनिक जीवन की विसंगतियों को रेखांकित करने के कारण प्रासंगिक है। आज भी नाटक की विषयवस्तु सरल दिखती है। फंदी के पिता कैंसर की लड़ाई हार चुके हैं

रीवा रंग महोत्सव 2023: रीवा रंगमंच देश मे ध्रुव तारे की तरह चमकेगा

रीवा रंग महोत्सव 2023 : "फन्दी" की दुविधा के साथ शुरू हुआ रीवा रंग महोत्सव


सांस्कृतिक साहित्यिक गतिविधियां समाज को नई दिशा देने का कार्य करती हैं । जीवन का संघर्ष अनेक कठिनाइयों के साथ राह मुश्किल कर देता है । इनसे उबरना फन्दी की दुविधा है । आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत रीवा रंग महोत्सव 2023 का आयोजन प्रयास रंग समूह रीवा द्वारा कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में किया जा रहा है । सोमवार की शाम रीवा रंग महोत्सव की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई । आयोजन में अतिथि के रूप में दिनेश खन्ना (निदेशक भारतेंदु नाट्य अकादमी), अखण्ड प्रताप सिंह, डॉ.दीपक अग्रवाल, डॉ.आनन्द सिंह, अजय जोतवानी (अध्यक्ष रामवन समिति) श्री कृष्ण महेश्वरी,विभू सूरी, परमजीत डंग, डॉ.ज्योति सिंह, सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे । 


रीवा रंग महोत्सव के प्रथम दिवस नाटक "फन्दी" की प्रस्तुति हुई । शंकर शेष लिखित नाटक "फन्दी" का निर्देशन ज़ीशान खान ने किया यह प्रस्तुति एक्ट एंड एक्ट थियेटर ग्रुप की रही । अपनी पारिवारिक समस्याओं के बीच जीवन की दुविधा में फंसा हुआ फन्दी नामक चरित्र  अभिनय के दौरान जय सिंह ने यादगार अभिनय किया । इनके साथ निर्देशक ज़ीशान खान भी वकील की भूमिका में मंच पर प्रभावी दिखे । 20  से 24 मार्च 2023 तक होने वाले पांच दिवसीय महोत्सव में देश भर के कलाकार शामिल हो रहे हैं ।


रीवा रंग महोत्सव के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए मशहूर रंग निर्देशक दिनेश खन्ना ने कहा कि रीवा रंग महोत्सव अपनी तरह का अनूठा आयोजन है । प्रयास रंग समूह के संस्थापक हीरेन्द्र सिंह मेरे बहुत पुराने मित्र  हैं । इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि  मैं लगभग 36 वर्ष बाद रीवा आया हूँ । 36 वर्ष पहले भी हीरेन्द्र सिंह और प्रयास रंग समूह के बुलावे पर ही रीवा आया था । उस वक्त हमने मुंशी प्रेमचन्द की कहानियों का मंचन किया था । कहने का आशय यह है कि हीरेन्द्र सिंह 40 वर्षों से ज्यादा अवधि से रीवा में रंगमंचीय गतिविधियों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु प्रयासरत हैं । यह रीवा रंग महोत्सव युवा पीढ़ी के लिए नई सीख देगा । मुझे ज्ञात हुआ है कि यहाँ के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वर्तमान विधायक राजेन्द्र शुक्ल क्षेत्र के विकास के साथ कला संस्कृति के संरक्षण हेतु सतत सहयोगी हैं । यह बहुत अच्छे संकेत हैं, यदि जन प्रतिनिधि इतना सक्रिय होकर कला जगत को सहयोग कर रहे तो रीवा रंगमंच देश मे ध्रुव तारे की तरह चमकेगा । दिनेश खन्ना ने आगे कहा कि मैने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली में अध्यापन किया वहाँ का संचालन भी किया । वर्तमान में भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ में भी निदेशक के रूप में कार्य कर रहा हूँ । अनेक कलाकरों और निर्देशकों से मिलना होता है । इस अनुभव के आधार पर इस मंच से मैं स्पष्ट शब्दों में यह कह सकता हूँ कि हीरेन्द्र सिंह  रंगमंच तथा लोक बोली के बेहतर संरक्षक में से एक हैं । आप सभी कलाकारों को शुभकामनाएं । 


नाटक "फन्दी" के विषय में-:


बहुआयामी समस्याओं को रेखांकित करता फन्दी-: यह नाट्य कृति अपनी सहज विषय-सम्प्रेषणीयता, सरल रंग-विधान एवं आधुनिक जीवन की विसंगतियों को रेखांकित करने के कारण प्रासंगिक है। आज भी नाटक की विषयवस्तु सरल दिखती है। फंदी के पिता कैंसर की लड़ाई हार चुके हैं । इसी बीच समय चक्र के फेर में फन्दी कानूनी पेंच में फंस कर मृत्युदंड के नज़दीक जा रहा होता है। मौत का डर फंदी को भी नहीं है, परंतु वह अपनी बीवी और बच्चे के सामने निष्कलंक होकर मरना चाहता है। नाटक में प्रदर्शित दृश्य से पता चलता है कि कैंसर का इलाज आज भी विज्ञान ठीक-ठीक नहीं ढूंढ पाया और न ही फंदी की असहायता का इलाज हमारा समाज । एक ओर आज भी असमानता और गरीबी गौरवशाली देश की छवि धूमिल करते हैं तो वहीं कैंसर की ही भांति  कोरोना जैसी बीमारियाँ असमय हमें भयभीत करती हैं। फन्दी के पिता की भूमिका में सुमन सिंह, बार्डर की भूमिका में नवीन मिश्रा अच्छे दिखे हैं । संगीत संचालन कुलदीप ने किया । प्रकाश विन्यास शैलेन्द्र द्विवेदी ने करते हुए मंच में लाइट के महत्व को दर्शाया है । नाटक से पहले पूर्व रंग अन्तर्गत "कौवे और कला पानी" नाटक के गीत की प्रस्तुति हुई, आयुष राजेन्द्र सक्सेना ने गिटार की मधुर धुन के साथ दर्शकों को सम्मोहित किया ।
रीवा रंग महोत्सव में आगामी दिनों में, द्वितीय दिवस मोहन राकेश कृत नाटक "आधे अधूरे" का मंचन होगा । इप्टा रीवा की प्रस्तुति का निर्देशन शैलेंद्र द्विवेदी ने किया है । तृतीय दिवस प्रातः 11.30 से नाटक "महापंडित केशव" का मंचन होगा । प्रयास रंग समूह की इस प्रस्तुति का निर्देशन राजेश शुक्ला ने किया है । तृतीय दिवस ही शाम 6.21  बजे से नाटक "भगवदज्ज्कीयम" का मंचन होगा । बोधायन रचित इस नाटक के, निर्देशक आदेश सिंह, हैं । चौथे दिन "लोकरंग समिति" सतना द्वारा तैयार नाटक "दुविधा" का मंचन होगा । विजयदानदेथा की कहानी का नाट्यलेखन तथा निर्देशन सविता दाहिया ने किया है । पंचम दिवस "सम्प्रेषणा" कटनी द्वारा नाटक "जादू का सूट" प्रस्तुत किया जाएगा । अलखनन्दन द्वारा लिखित नाटक का निर्देशन सदात भारती ने किया है । यह सभी प्रस्तुति दर्शकों हेतु निःशुल्क हैं । मंच संचालन सत्येंद्र सेंगर ने किया ।