शिक्षा क्षेत्र में वरदान स्वरूप नुक्कड़ पाठशाला, 700 दिन से अनवरत हो रही संचालित ।

शिक्षा क्षेत्र में वरदान स्वरूप नुक्कड़ पाठशाला, 700 दिन से अनवरत हो रही संचालित ।

Rewa: शिक्षा सबके के लिए आवश्यक है, किसी देश के विकास में शिक्षा प्राथमिक मानक है यह बात सर्व ज्ञात है । शासन प्रशासन के प्रयासों के बाद भी  अनेक परिवार अपने बच्चों को उपयुक्त शिक्षा देने में सफल नही हो पाते । ऐसे में शहर के पांच नवयुवकों ने सबके लिए शिक्षा के उद्देश्य को साकार रूप देने के लिए गरीब बस्तियों में नुक्कड़ पाठशाला की शुरुआत करने का कार्य किया । एक बच्चे की संख्या से शुरू हुई नुक्कड़ पाठशाला ने 400 बच्चों तक का सफर तय करते हुए 700 दिनों तक अनवरत शिक्षण का कीर्तिमान बनाया है । पूर्णतः निःशुल्क शिक्षण कार्य करने वाली  'द एप्पल ट्री एडुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी' की पूरी टीम घर से मिलने वाले अपने मासिक जेब खर्च से बचत करते हुए गरीब असहाय बच्चों के शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है ।


डिजिट हुई नुक्कड़ पाठशाला:-
शहर में अनवरत रूप से संचालित नुक्कड़ पाठशाला ने सीमित संसाधनों से शुरुआत करने के साथ अब एक और आयाम पूर्ण कर लिया।  विगत दिवस  नुक्कड़ पाठशाला ने 700 दिन पूर्ण करने के साथ डिजिटल उपकरणों से युक्त भी हुई है । पहले दिन की ककहरा की कक्षा से 700वें दिन की डिजिटल कक्षा तक का सफर इन नवयुवाओं के निश्चय एवं समर्पण को दर्शाता है साथ ही यह नुक्कड़ पाठशाला के कार्यकर्ताओं के लिए किसी अद्भुत स्वप्न को सच करने जैसा है।


शिक्षा की राह में गरीबी नही बनेगी बाधा:-
'द एप्पल ट्री एडुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी' के यह युवक उन बच्चों को प्राथमिकता में शिक्षत कर रहे जो गरीब अनाथ या किसी न किसी तरह से समाज से पीड़ित वंचित हैं ।  युवाओं की यह टीम जररूत मन्दों को उनके गंतव्य स्थान में पहुँचकर  शिक्षा की अलख जगा रही है । 
सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर सिंह ने बताया कि मेरी जानकारी में रीवा की यह इकलौती संस्था है जो बिना किसी प्रशासनिक सहायता के अपने शिक्षा का रथ उसके कार्यकर्ताओं के निजी कोष के द्वारा संचालित  रही है। द एप्पल ट्री एडुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी के नाम से युवाओ का यह समूह सराहनीय कार्य कर रही है इसकी जितनी तारीफ की जाए कम है । 


पांच युवकों का जागरूक समूह:-
निःशुल्क शिक्षा के इस पावन पुनीत कार्य को कर रहे पांच युवकों में प्रसून मिश्रा, शिवम द्विवेदी, दलजीत सिंह, आलोक मिश्रा, सागर तिवारी शामिल हैं । यह युवक अपनी स्वेच्छा से सहयोग देकर संस्था के लक्ष्य को साकार करने का निरंतर प्रयास कर रहें। द एप्पल ट्री एडुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी जिन लोगों के द्वारा संचालित की जाती है वो न तो समाज के बड़े औदेदार व्यक्ति हैं ना ही शासकीय कर्मचारी यह स्वयं अध्ययनरत छात्र हैं, जो अपनी मासिक शिक्षा आय से तथा अपने अंशकालिक कोष से नुक्कड़ पाठशाला  को संचालित कर रहें हैं।


भटकते बच्चों को देख आया विचार:-
गरीबों को शिक्षा देरही नुक्कड़ पाठशाला के सदस्य शिक्षक प्रसून मिश्रा बताते हैं कि वो लोग अपने अध्ययन के कार्य से शहर में निकल रहे थे तभी उनकी नजर सड़क में भटक रहे कुछ गरीब बच्चों पर पड़ी और मन मे विचार आया कि इनकी शिक्षा और समझदारी के लिए एक प्रयास हमे भी करना चाहिए फिर अपने पूर्व साथी प्रदीप तिवारी एवं अन्य के साथ योजना बना कर शुरुआत की गई पहले दिन बमुश्किल 1 बच्चे से शुरुआत हुई, धीरे-धीरे 400 बच्चों को निरन्तर शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करते हुए कब 700 दिन हो गए पता ही नही चला । पहले कोई साथ देने को तैयार नही था लेकिन बच्चों में आए बदलाव और हमारे प्रयास को देख जहां उनके अभिभावकों ने विश्वास किया वहीं शहर के जिम्मेदार नागरिक के तौर पर सुधीर सिंह, दीनबंधु पाण्डेय, चंदन बाली, शुभम मिश्रा, अमित गौतम, प्रतीक मिश्रा, विभूमनी त्रिपाठी, हिमांशु गौर, प्रवीण सिंह, अम्बर पाण्डेय, अनुभव सिंह, प्रदीप तिवारी, चित्रांश खरे, राजमणि तिवारी'भोला' ने हमे समय समय मे मार्गदर्शन प्रदान किया तथा संस्था के संरक्षण की जिम्मेदारी भी सम्हाल रहे हैं । हमारा प्रयास है कि शहर में इस कार्य को और सहयोग मिले सभी बच्चे अच्छा भविष्य बनाए ।