क्यों डभौरा नगर परिषद में नहीं बन पा रही है स्थिरता ?
नगर परिषद अध्यक्ष डभौरा एवं नगर परिषद CMO का ऑडियो हुआ वायरल। 50000 /- रूपये फर्जी बिल भुगतान का परिषद् अध्यक्ष CMO पर दबाव बना रही हैं
रीवा. जैसा कि आप सब को ज्ञात है एक समय डभौरा मे आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हैं पहले की अपेक्षा डभौरा में हो रहे विकास कार्य की गति धीमी पड़ गई है अध्यक्ष और मुख्य नगरपालिका अधिकारी के मध्य कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जो कि नगर परिषद के आम जनमानस के हित मे नहीं है।
ताजा मामला डभौरा नगर परिषद का है जिसमें नगर परिषद अध्यक्ष और उनके पति ने सीएमओ के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं जब हम सीएमओ से उनका पक्ष और उन पर लगे आरोपों की सच्चाई जानने की कोशिश की तो सीएमओ ने उन सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि नगर परिषद अध्यक्ष मेरे ऊपर दबाव बनाकर गलत कार्य करने के लिए बोलते हैं फर्जी बिल लगाकर भुगतान करने का दबाव बनाते हैं जब मना कर दिया फर्जी बिल का भुगतान करने से और भ्रष्टाचार करने में उनका साथ नहीं दिया तब अध्यक्ष और उनके पति द्वारा मेरे ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाया गया जो कि गलत है और निराधार है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जब से नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव हुआ है और नया अध्यक्ष डभौरा नगर परिषद को मिला है तब से अध्यक्ष दोनों हाथ से पैसा बटोरने में लगे हैं हर कार्य में चाहते हैं कि उनको कमीशन मिले जिसका उदाहरण हाल ही का एक मामला है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डभौरा नगर परिषद के रेलवे स्टेशन के पार पुरवा में एक जनरेटर जोकि कई वर्षों से खराब था बिना नगर परिषद कार्यालय को सूचना दिए जनरेटर को सुधरवाने का कार्य नगर परिषद अध्यक्ष के पति द्वारा किया गया और उसका फर्जी बिल नगर परिषद कार्यालय में लाकर भुगतान के लिए बोला गया फर्जी बिल इसलिए लिख लिए कह रहे हैं क्योंकि उस जनरेटर में सुधार करवाने का वास्तविक बिल है 6000 रूपये का है लेकिन नगर परिषद अध्यक्ष के पति 6000 के बदले 17000 का फर्जी बिल तैयार कराया और बिल के भुगतान के लिए लगातार सीएमओ के ऊपर दबाव बनाते रहे जब सीएमओ ने फर्जी बिल का भुगतान करने से मना कर दिया तो अध्यक्ष पति भड़क गए और सीएमओ को देख लेने की बात कही और कहा कि जल्द से जल्द मैं तुम्हारा स्थानांतरण यहां से कितनी दूसरे जगह करवा दूंगा।
डभौरा बाजार में यह भी चर्चा है कि नगर परिषद अध्यक्ष जब अध्यक्ष का चुनाव लड़े तो पार्षदों को वोट के बदले लाखों रुपए दिए थे और कुछ बाद में देने को बोले थे जिन पार्षदों का पैसा बकाया है लगातार रुपयों की मांग अध्यक्ष से कर रहे हैं यही कारण हो सकता है कि अध्यक्ष दोनों पैसे दोनों हाथ से पैसे बटोरने में लगे हैं और चुनाव में खर्चा किया हुआ पूरा पैसा जल्द से जल्द वसूल करना चाह रहे हैं जिसमें उनका साथ डभौरा में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी नहीं दे रहे हैं इसी कारण उनका विरोध हो रहा है और सीएमओ पर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है।
अब सोचने योग्य बात यह है कि अगर पैसा बांट कर कोई अध्यक्ष बनेगा तो वह कितना विकास करेगा सब पैसे का खेल है बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया।