आज हुए नए वित्तीय बजट से भोपाल-इंदौर मेट्रो के लिए कही गई ये बात!अब होगा तुरंत यह काम ?

आज हुए नए वित्तीय बजट से भोपाल-इंदौर मेट्रो के लिए कही गई ये बात!अब होगा तुरंत यह काम ?
MP Budget 2023

MP Budget 2023: भोपाल, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य सरकार ने भोपाल और इंदौर मेट्रो के लिए 710 करोड़ रुपये का बजट रखा है।  इसलिए दोनों projects के निर्माण में तेजी आएगी।  बताया जाता है कि मेट्रो की पहली लाइन के काम पर अब तक पांच हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं।  चुनावी साल को देखते हुए भोपाल और इंदौर में सितंबर 2023 तक मेट्रो का trial रन शुरू होना है।  हालाँकि, काम अभी भी बहुत पिछड़ा हुआ है।  लेकिन ट्रायोन रन तय समय पर शुरू करने के लिए दोनों शहरों में दो शिफ्ट में काम चल रहा है।

इंदौर-भोपाल मेट्रो में ये चुनौती है:

याद हो कि विधानसभा चुनाव से पहले इंदौर-भोपाल मेट्रो में प्राथमिकता कॉरिडोर बनाने की चुनौती है, इसलिए बजट में 710 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.  लिहाजा ट्रैक बिछाने के साथ ही इलेक्ट्रिफिकेशन का काम भी शुरू हो जाएगा।  इंदौर में ट्रायल रन के लिए बनने वाले 5.5 किमी के प्रायोरिटी कॉरिडोर में करीब 5 मेट्रो स्टेशन भी होंगे।  इसी तरह भोपाल मेट्रो के पांच किलोमीटर के प्राथमिकता वाले कॉरिडोर में पांच स्टेशनों का निर्माण भी तेजी से चल रहा है।  इसलिए उनका काम दिन-रात चल रहा है।  दोनों जगहों पर प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के वायाडक्ट का काम पूरा कर लिया गया है।  इसमें लगातार फुट गर्डर डाला जा रहा है।  क्रेन के साथ ही मजदूरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है.  वहीं छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से जिंदल फैक्ट्री में बने ट्रैक को ट्रॉलियों से इंदौर और भोपाल पहुंचाया जा रहा है।

इन आठ सालों में लागत में 30 फीसदी की बढ़ोतरी :

आठ साल पहले 2014 में भोपाल मेट्रो की लागत 6,941 करोड़ रुपये थी।  इन सात सालों में डॉलर की कीमत बढ़ी है।  वहीं, निर्माण सामग्री में भी खासी बढ़ोतरी हुई है।  पेट्रोलियम और अन्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी से वृद्धि के कारण परियोजना लागत में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की संभावना है।  यानी करीब 2100 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के साथ यह 9000 करोड़ रुपए को पार कर जाएगी।  ऐसे में स्वाभाविक है कि राज्य सरकार के बजट और मेट्रो लोन आदि की गणना सही ढंग से की जा रही है।  इसी तरह इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट का शुरुआती बजट 7500 करोड़ रुपये था।  इन आठ सालों में इसकी कीमत भी 1785 करोड़ रुपए बढ़ गई है।