CM शिवराज के कर्मचारियों की कौन सी मांग कर  रही परेशान । 

CM शिवराज के कर्मचारियों की कौन सी मांग कर  रही परेशान । 
PHOTO BY GOOGLE

भोपाल (न्यूज अपडेट) 2023 चुनावी वर्ष में CM शिवराज नई ऊर्जा नए अंदाज में सक्रिय दिख रहे हैं । हर दिन विभिन्न विभागों की समीक्षा, उनकी योजनाओं की जानकारी अपनी कैबिनेट के मंत्री और विधायकों से संवाद कर प्रदेश के आम-जन तक अपनी पैठ मजबूत करने में लगे हैं । इस सब के बीच उनके कर्मचारियों का असंतोष सहसा देखा जा सकता है । विभिन्न संगठन जहाँ पुरानी पेंशन की मांग कर रहे । उनके बीच अनेक विभाग अपनी वेतन और भत्तों को अपडेट करवाने में लगे हैं । इस सब के बीच संविदा कर्मचारियों तथा ग्राम रोजगार सहायकों ने भी अपनी आवाज बुलंद की है । बजट में सभी के लिए कुछ न कुछ है पर कर्मचारियों के लिए क्या यह प्रश्न उनको परेशान कर रहा ।

 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने  प्रदेश की महिलाओं के लिए  बहना योजना की घोषणा कर  23  से 60 वर्ष उम्र तक की महिलाओं को हर महीने 1 हजार रुपये देने का प्रावधान करते हुए इनको अपनी पार्टी की ओर भी आकर्षित किया है । उधर विपक्षी नेता कमलनाथ ने भी 1500 की घोषणा कर महिलाओं को असमंजस में डाल दिया कि वो किस भैया की सुने । इधर इन्हीं बहनों में से कुछ के पिता,पति,भाई, जैसे सगे सम्बन्धी सालों से संविदा कर्मचारी के रूप में कार्य कर रहे हैं । जिनके भविष्य को लेकर हमेशा असमंजस की स्थिति बनी रहती है। उन्ही संविदा कर्मचारियों ने अब अपने नियमितीकरण के लिए मांग तीव्र करने की ठानी है । 
प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए, वर्तमान भाजपा सरकार अपनी योजना बना रही है । नए बजट में इस बात के प्रमाण भी मिलते हैं । आमजन से जुड़ी प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट तो बढ़ा लेकिन  उनका क्रियान्वयन करने बाले संविदा कर्मचारी

अपने भविष्य को लेकर अभी भी असमंजस में है । इसी प्रकार मनरेगा,स्वच्छ भारत मिशन, जैसी जन हितैषी योजनाओं में लगे संविदा कमर्चारी भी इतने वर्षों से नियमतिकरण की आशा में ही बैठे हैं । क्योंकि विगत बजट सत्र में पंचायत सचिव और रोजगार सहायक की बात तो मंत्री जी ने की पर अन्य कितने लोग इस से लाभ पाएंगे यह नही बताए । विभाग बहुत हैं कर्मचारी भी बहुत हैं । सरकार किसके लिए कितनी गम्भीर है वह कर्मचारियों को और आम जन को स्पष्ट दिखाई दे रहा होगा । विगत  वजट सत्र में पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री ने बड़े दिनों बाद यह बताया कि कमेटी बनी है और जल्द जी रिजल्ट सामने होगा । वहीं विपक्ष से विधायक सदस्य ने कहा कि 18 वर्ष से कमेटी निर्णय तक नही पहुंची यह निर्णय कब होगा । इस सब के बीच इन कर्मचारियों के मन का असंतोष कब तक मन मे रहता है । यह आने वाला वक्त बताएगा । 


राजनीति गलियारों में यह प्रश्न गम्भीरता से विद्यमान है कि क्या चुनावी वर्ष में CM शिवराज अन्य राज्य(राजस्थान, हिमांचल, छत्तीसगढ़, उड़ीसा) की भांति अपने निर्णय से सभी कर्मचारियों को साधने में सफल होंगे या फिर इन्हें आगामी सरकार का इंतजार करना पड़ेगा । 
बजट सत्र के बाद पक्ष और विपक्ष अर्थात भाजपा-कांग्रेस दोनों ही आम जन के साथ अपने कर्मचारियों को अपने पाले में लाने का भरकस प्रयास कर रहे हैं । देखने योग्य होगा इसका अंजाम क्या होता है । यह बजट किसके लिए सही साबित होता है ।